विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास ज्ञात नहीं है। लेकिन इसका एक ही मकसद है कि 28 जुलाई को इकट्ठा होना और प्रकृति की हिफाजत के लिए काम करना है। दरअसल प्राकृतिक असंतुलन के कारण आज के समय में हम ढेरों समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनमें ग्लोबल वॉर्मिंग, विभिन्न बीमारी, प्राकृतिक आपदा, बढ़ा हुआ तापमान आदि है। अगर प्रकृति की सुरक्षा नहीं की गई तो धरती को तबाह होने से कोई बचा नहीं सकता है। अभी ही इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। देश और दुनिया के किसी इलाके में सूखा पड़ रहा है तो वहां के लोग सूखे कारण मौत की चपेट में आ रहे हैं। दूसरी तरफ कहीं बारिश ने तांडव मचा रखा है। ये सब प्राकृतिक असंतुलन के कारण हो रहा है।