लखनऊ: कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) के बाद यूपी (Uttar Pradesh) की सियासत में हलचल मची हुई है. विपक्षी पार्टी जहां बीजेपी सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, पीड़ित परिवार ने भी इस हत्याकांड के लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह (OP Singh) लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस की. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस पुलिस मुख्यालय (सिग्नेचर बिल्डिंग), गोमती नगर विस्तार के मीडिया ब्रीफिंग हॉल में हुई. डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने 24 घंटे के अंदर कमलेश तिवारी हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है.
डीजीपी ओम प्रकाश ने कहा कि हमें इस बात का शक था कि इस घटना के तार गुजरात से जुड़े हैं. इसलिए कार्रवाई करते हुए सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि इन तीनों के अलावा कुछ और लोगों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
उन्होंने बताया कि बिजनौर से दो मौलानाओं को हिरासत में लिया है. डीजीपी ने बताया कि हत्याकांड के षड़यंत्र में शामिल मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी शामिल हो सकते हैं. देर रात दोनों को हिरासत में लिया गया. सूरत के मौलाना मोसिन सलीम शेख, फैजान जिलानी और रशीद को गिरफ्तार किया है. रशीद को कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान है और दर्जी का काम करता है. वहीं, फैजान मिठाई खरीदने वालों में शामिल है.