

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (SP) की विधायक रागिनी सोनकर ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया। उन्होंने सदन में कहा, “रावण नहीं पलने देंगे साधुओं के भेष में। हम अफजल नहीं पनपने देंगे…” उनके इस बयान के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ।
रागिनी सोनकर के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने कड़ा ऐतराज जताया और उनसे अपने शब्द वापस लेने की मांग की। वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सोनकर का समर्थन करते हुए कहा कि उनका बयान सांप्रदायिकता और कट्टरता के खिलाफ था।
बयान पर सियासत गरमाई
सदन के बाहर भी इस बयान को लेकर सियासी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। बीजेपी नेताओं ने इसे हिंदू संतों का अपमान बताया, जबकि समाजवादी पार्टी ने इसे कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख करार दिया।
हालांकि, विधायक रागिनी सोनकर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, “मेरा इरादा किसी समुदाय या संप्रदाय को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैंने सिर्फ यह कहा कि समाज में किसी भी प्रकार की कट्टरता और हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।”
इस बयान को लेकर अब सियासी सरगर्मी और बढ़ने की संभावना है। देखना होगा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष इस पर आगे क्या रुख अपनाते हैं।